मैं हूं एक लड़की

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मैंने क्यूँ लिया जन्म जब ना खेल सकुन अपनी मां की आँचल में,

बनी रहूँ मैं बोझ, अपनी पिताजी की आँखो में,

मैंने क्या पाप किया की मैं बनी रहूँ मुजरिम अपनी स्माज की नज़रो में,

क्या मेरा ज न्म लेना ही मेरा पाप था, मैं हूँ एक लड़की और क्या यही मेरा अभीषाप था |

आखिर क्यों लिया मेने जन्म इस धरती पर,

जब मेरी इज़्ज़्त ही नहीं थी लोगों की आँखों में |

बनके रह गई एक शाप

न इज्त, न प्यार, न जीने का एहसास

मैं हूँ एक लड़की और क्या यही है मेरा अभीषाप |

*sigh* Finally I was able to write a poem in hindi. YAY!!!

please comment (I don't care what, just throw my mistakes on my face but please be polite my hindi sucks) and vote :)


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