आपके आने का कुछ ऐसा हुआ असर,
अब हर गम ,में भी आती है ख़ुशी नज़र।
यू तो हम मुकर जाते है हरदम,
पर रहती है मन में सिर्फ आपकी फिक्।
डरते है हम के हुआ जो हमको एकबार,
फिर होगा ना हमसे ये दुबारा।
अब हम में भी है एक हिस्सा सा,
किस्सा सा जो बन ना जाये हमारा आपका।
लबो पे है ज़िक्र, आँखो में नमी,
बस कुछ यू है जज्बात की डोर सी थमी।
कुछ आप में है मेरा बस यही थोडी राहत है,
बाकी तो किस्मत में सिर्फ अंधेरी रात है,
जिंदगी में दी बस यही एक कुर्बानी,
प्यार तो है बस दो लफ्ज़ो की कहानी।
ना हम समझ पाये ना समझा पाये,
में और तुम को हम साथ ना कर पाये।
सपने भी होते है सच ये जाना हमने भी अभी,
जब मिल जाता है जिंदगी में सच्चा प्यार कभी।
बस इतनी सी गुजरिश है कहने को बची,
बाजी जीवन की, हार ना जाना आप कहीं,
चाहे इश्क की कितनी भी बुरी लत् हो लगी।
हो सके तो कैद कर देना हमको कुछ यादो में,
क्योकिं उलझ के रह गए हम,
इस रंगमच के किरदारों में।
🌼रचियता - तृप्ती कक्कड़🌼
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Poetry - Language Of Soul
Thơ caPoetry is an literary art. A tale of journey from highest happiness to deepest sorrows.