कोहिनूर नीलम भाग 10

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दोस्तो, आखिर वो दिन आ ही गया जिस दिन नीलम के केस की सुनवाई होनी थी। सभी अदालत में हाजिर होते है।

संजय अदालत में अपनी दलील पेश करता है। संजय कहता है की जज साहब इस अदालत में मेरे क्लाइंट नीलम ने भावनाओ मे बहकर बहुत बड़ा झूठ बोला है। वरुण का खून नीलम ने नही किसी और ने किया है। जज साहब हम सभी इस खून को एक एक्सीडेंट भी कह सकते है जिस हालात मे वरुण का खून हुआ उस हालात मे अगर कोई और भी होता तो उसे सिर्फ एक एक्सीडेंट ही समझते क्योंकि जज साहब अगर कोई अपने बचाव में बचना चाहता है और अनजाने में किसी हल्के वार से किसी की मौत हो जाये तो उसे हम खूनी दोषी करार नही दे सकते उसे महज एक एक्सीडेंट ही कहा जायेगा। जज साहब इतेफाक से वरुण के साथ भी यही हुआ है। मेरे क्लाइंट नीलम ने बिना कुछ सोचे समझे और कानून की समझ न होने के कारण इस अदालत मे पहले झूठ बोला था। अगर नीलम की जगह कोई और महिला भी होती तो शायद वो भी यही करती जो नीलम ने किया है।

जज साहब जब इस अदालत को पता चलेगा कि आखिर उस रात क्या हुआ था और वरुण को किसने मारा तो हर कोई नीलम की तारीफ करेगा और अदालत को भी नीलम को रिहा करना पड़ेगा।

जज साहब वरुण का खून नीलम ने नही बल्कि कोहिनूर ने किया है और बस उसी कोहिनूर को बचाने के लिए नीलम ने इस अदालत में झूठ बोला था। जज साहब कोहिनूर से भी अनजाने में बस अपना और नीलम का बचाव करते हुए ये एक्सीडेंट हुआ है।

जज साहब अब मैं अदालत में कोहिनूर को बुलाने की इजाजत चाहता हूँ और उस रात क्या हुआ वो सब कोहिनूर ही इस अदालत में सबके सामने बताएगी।

दोस्तों, अदालत अपनी इजाजत दे देती है और कोहिनूर को बुलाया जाता है। सभी कोहिनूर को देखना चाहते है तभी कन्नू के साथ एक 9-10 साल की बच्ची डरी और सहमी सी अदालत में आती है सब उस बच्ची को देखकर हैरान हो जाते है। बहुत प्यारी सी मासूम सी बच्ची हर किसी का प्यार उस बच्ची पर आ जाये इतनी प्यारी थी वो बच्ची शायद इसलिए ही उस बच्ची का नाम उसके माता पिता ने कोहिनूर रखा था। कोहिनूर को कटघरे मे लाया जाता है और संजय व कोहिनूर मे क्या बात होती है वो इस तरह है-------

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