कहानी के पात्र
सुंदर और उसकी बेटी कविता
सुंदर एक छोटी सी कपड़ों की दुकान में काम करता है।
दश साल की कविता एक सरकारी स्कूल में पढ़ती है।पढ़ते हैं एक प्यारी सी कहानी✍✍👇
बेटा आज तेरा छठा जन्म दिन है तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिए।
पापा मुझे एक पौधा चाहिए जिसे मुझे अपने स्कूल में लगाना है जिससे मेरी स्कूल भी हरी भरी रहेंगी।
ठीक है बेटा आज ही एक पौधा लाता हूँ।
पापा जल्दी लाना पौधा मुझे आज ही लगाना है।
कविता को पौधा लगाता देख उसके दोस्त उससे पूछते है आज तुम पौधा क्यू लगा रही हो?
आज मेरा जन्म दिन है और में अपने हर जन्म दिन पर एक पौधा लगाती हूं जिससे हमारी स्कूल हरी भरी हो जाएगी।
तब तो हम सब भी अपने जन्म दिन पर एक एक पौधा लगायेगे और साल भर उसकी देख भाल करेगे।कविता स्कूल में सबसे होनहार और पर्यारण प्रेमी थी।
बेटा आज तेरा सत्ररवा जन्म दिन है आज तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिए।
पापा आज मुझे बारह पौधें चाहिए अब में बहरवी में हूँ जिस स्कूल में बारह साल पढ़ी हूँ उस स्कूल में बारह पौधेे तो लगाने ही चाहिए।ठीक है बेटा तेरा गिफ्ट तुझे जरूर मिलेगा।
आस पास के गांव में भी कविता के पर्यावरण के प्रति प्रेम व समर्पण की चर्चा होने लगी। प्रत्येक स्कूल में बच्चे अब पौधे लगाने लगे।
जो विधार्थी पांच साल पहले ही स्कूल की पढ़ाई कर चुके वो भी अा कर पौधे लगाने लगे।कविता की स्कूल अब किसी बगीचे से कम नहीं है।
कविता की तरह हम भी पर्यावरण से प्रेम कर इसे बचाने में सहयोग कर सकते है।
कम से कम एक पेड़ तो लगा ही सकते है।Leela choudhary
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आप पढ़ रहे हैं
कल्पना का सागर
Short Storyदोस्तों यह कहनी मेरी काल्पनिक हैं। बहुत ही अच्छी हैं। मुझे यकीन है आप सब को बहुत ही पसनंद आएंगी। मेरी अनुमति के बिना मेरी कहनी को किसी भी स्थान पर प्रकाशित नही करे।