जो लड़की मेरे दिल में रहती थी,
ना जाने दिल्ली क्यों वो रह आई,
जो अपना दिल मुझे कहती थी,
ना जाने अपने दिल में,
किसी और को क्यों वसा आई,
दुनिया छोटी सी थी उसकी बहुत,
ना जाने इस छोटी दुनिया में,
किसी और पर दिल कैसे लगा आई,
संग रहना चाहती थी वो तो हमेशा मेरे,
ना जाने फिर क्यों अलग हो गई,
किसी गैर की चाहत में,
किसी अपने का दिल दुखा आई,
जो पागल सी लड़की मेरी थी,
ना जाने अब कहां हो आई।