चेहरे की खुबसुरती 👸 बेशक हर किसी को दिख जाती है,पर जो खुबसुरती एवं अच्छाईयाँ इंसानों के अंदर होते हैं, उन्हें कुछ लोग समझ ही नहीं पाते हैं।वो तो शब्दों में ही इंसानों की अंदरूनी खुबसुरती एवं उनकी अच्छाइयों को ढूँढने का एक हास्यास्पद प्रयास करते रहते हैं
शायद अंदरूनी खुबसुरती एवं अच्छाइयों को नहीं परख पाने के ,कई वजहें या फिर कई मायने होंगे।
चलो , आज मैं एक वजह से आप सभी को अवगत कराने की कोशिश करता हूँ।वो एक वजह है:- शब्दों की परख।जिसे मैं कुछ पंक्तियों के माध्यम से आपके समक्ष रखने जा रहा हूँ :-
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"कुछ लोग तो ऐसे होते हैं,
जो दिल के सच्चे होते हैं ।
वे जुबाँ से दिल की कहते हैं,
बातों से आघात ना करते हैं।"पर;लोगों को उनकी कद्र कहाँ,
वो तो शब्द- जाल में उलझे हैं,
सीधे-सपाट शब्दों को भी,
उल्टे चश्मों से पढ़ते हैं।"ॐॐॐ☪☪☪✝✝✝✝卐卐卐卐☪☪卐
कुछ ऐसे मिल जाते हैं ,
जो फकीर शब्द से होते हैं,
टूटे-फूटे लब्जों से ही,
पर बात वो सच्ची करते हैं।°°पर ; लोगों को उनकी कद्र कहाँ,
वो तो खुबसुरत शब्दों के दिवाने हैं
अंदर की अच्छाइयों से,
अब तक वो अनजाने हैं।कुछ लोग बेशक जुबान
के थोड़े कड़वे होते हैं इसका ये मतलब तो नहीं की वे दूसरों की जिंदगी में भी कड़वाहट घोलने की चाह रखते हैं ।
चंद शब्दों के प्रयोग मात्र को आधार बनाकर किसी मनुष्य की अंदरूनी खुबसुरती एवं अच्छाइयों को धूमिल करना ,मेरे समझ से अब तक परे है।और वैसा मनुष्य भी तो महामूखॆ ही होगा, जो जान बूझकर खुद की अंदरूनी खुबसुरती एवं अच्छाइयों को नष्ट करने की चाह रखता होगा।
बस और क्या कहूँ? अंत में इतना ही कहना चाहूँगा कि:-
ग़र बूरा लगे कोई हफॆ तो फिर,
.......बेशक उनसे तुम दूर रहो,
पर ; इन छोटे - छोटे शब्दों से ,
इंसानों की परख ना किया करो।
thank you everyone,
enjoy your life 😍😍
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थोड़ा अजीब सा लगता है ,जब कोई आपके शब्दों का गलत अर्थ निकाल ले😕
Humor......hello everyone🙋 ......Welcome again🙏 here I'm going to share my own thoughts with you all. It's all around our thinking ability to judge a people. let's see.......😯😯😯😯