पुष्प की कविताएं
मैंने इन कविताओं में समाज में निहित बुराइयों और ज्वलंत मुद्दों को अपनी नज़र से दिखाने की कोशिश की है। आप सभी विद्वान भद्रजनों से अनुरोध है कि कविताएं पढ़ने के पश्चात अपनी प्रतिक्रिया अवश्य प्रकट करें। आपका आभारी रहूंगा।
मैंने इन कविताओं में समाज में निहित बुराइयों और ज्वलंत मुद्दों को अपनी नज़र से दिखाने की कोशिश की है। आप सभी विद्वान भद्रजनों से अनुरोध है कि कविताएं पढ़ने के पश्चात अपनी प्रतिक्रिया अवश्य प्रकट करें। आपका आभारी रहूंगा।
मंगल को कभी मां का स्नेह न मिला, पिता ने भी मानो उससे मुंह मोड़ लिया हो, उसे प्रेम और आदर इन दोनों भावों का वास्तविक अनुभव, दमयंती ने करवाया। दमयंती रूपवती होने के साथ साथ गुणवती भी थी। बचपन का प्रेम पवित्र होता है, ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी और समाज के रीति-रिवाजों से इसका कोई सरोकार नहीं होता। मंगल और दमयंती का प्रेम भी ऐ...