मैं सफल होके लौटूंगा।by Aamit Sah
आना-जाना छोर चुके,
पर्वो से नाता तोड़ चुके।
रखकर पत्थर अपने दिल पर,
घर से मुख है मोर चुके।
किसका दिल करता है यारों घर का सुख चैन गवाने को,
फिर भी घर हम छोड़ आए हैं जीवन...