अनोखा भिखारी एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो भिखारीयों से बहुत नफ़रत करता है और एक समय ऐसा आता है कि उसकी भीख माँगने की नौबत आ जाती है। वह खुद को इस परिस्थिति से निकालने के लिये कौनसा तरीक़ा अपनाता है। वह अपने सिद्धांतों के ख़िलाफ़ जाकर भीख किस प्रकार माँगता है? और इस अनुभव के बाद उसके नजरिये में क्या अंतर आता है? यह इस कहानी से आपको पता चलेगा।