मनिहारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया।छलिया का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया।
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झोली कंधे धरी, उसमें चूड़ी भरी
गलियों में शोर मचाया, श्याम चूड़ी बेचने आया
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राधा ने सुनी, ललिता से कही
मोहन को तुरन्त बुलाया, श्याम चूड़ी बेचने आया
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चूड़ी लाल नहीं पहनूँ, चूड़ी हरी नहीं पहनूँ
मुझे श्याम रंग है भाया, श्याम चूड़ी बेचने आया
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राधा पहनन लगी, श्याम पहनाने लगे
राधा ने हाथ बढ़ाया, श्याम चूड़ी बेचने आया
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राधा कहने लगी, तुम हो छलिया बड़े
धीरे से हाथ दबाया, श्याम चूड़ी बेचने आया
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