भारतीय स्वातंत्र्य दिनाच्या सर्व भारतीयांना हार्दिक शुभेच्छा..!
स्वतंत्रता दिवस की सब को शुभकामनाएं।
भाग्य है मेरा, मैं भारतीय हूँ।
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सलिलं सुधामधुरितं पवनोऽपि गन्धवाही।
चरितं विकल्पकलितं धर्मो दयावगाही।
यत्प्राङ्गणं शबलितं कौतूहलैरशेषम्॥
वन्दे सदा स्वदेशम्॥
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salilaṃ sudhāmadhuritaṃ pavano'pi gandhavāhī।
caritaṃ vikalpakalitaṃ dharmo dayāvagāhī।
yatprāṅgaṇaṃ śabalitaṃ kautūhalairaśeṣam॥
vande sadā svadeśam॥
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Where the air is fragrant and the water is sweet like nectar, where the citizens are diverse and yet practice their respective religions with love and kindness, and where the land is a reflection of unity in diversity, I always bow down to that country of mine.
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जहाँ की हवा सुगन्धित है और पानी अमृत के समान मधुर है, जहाँ नागरिकों की विविधता है, तथापि जहाँ सभी का धर्म एकनिष्ठ प्रेम एवं दयाभाव से परिपूर्ण है, तथा जहाँ की भूमि अनेकता में एकता वाली गंगा-जमुनी संस्कृति को दर्शाती है, ऐसे अपने देश की मैं सदा वन्दना करता हूँ।
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Source - आचार्यः अभिराज राजेन्द्र मिश्रः।
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अत्रापि भारतं श्रेष्ठं जम्बूद्वीपे महामुने।
यतो ही कर्मभूरेषा ह्यतोऽन्या भोगभूमयः॥
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इस जम्बूद्वीप में भी भारतवर्ष सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि यह कर्मभूमि है, इसके अतिरिक्त अन्यान्य देश भोग भूमियां है।
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Bharata is therefore the best of the divisions of Jambu-dwipa, because it is the land of karma: the others are places of enjoyment alone.
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Source: Vishnu Puran BharatVarsha 3.22
Happy Independence Day!