Gauri0320
“इश्क है मेरा या मेरी ज़िद है तू, दरिया है रेत का या खुदा तक का एक जरिया है तू, चाहत है मेरी या मेरा ईमान है तू, रब की कोई नुमाइश है या बस खूबसूरत है तू, इश्क है मेरा या मेरी ज़िद है तू, मेरे पास ठहरा एक खुबसूरत लम्हा है तू, या मुझ में होकर भी तेरे लिए धड़कता मेरा दिल है तू, मेरी सांसों सा आता जाता खयाल है तू, इश्क है मेरा या मेरी ज़िद है तू, या मेरी ज़िद है तू….”. ~"गौरी" From *ISHQ YA JID*