लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका
कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा
इंकलाब लाएगा
मैं रहूं या ना रहूं
पर ये वादा है मेरा तुमसे
कि मेरे बाद वतन पर
मरने वालों का सैलाब आयेगा।
लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका
कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा
इंकलाब लाएगा
मैं रहूं या ना रहूं
पर ये वादा है मेरा तुमसे
कि मेरे बाद वतन पर
मरने वालों का सैलाब आयेगा।