sanusonkar0308

तेरी बाँहों में मिली ऐसी राहत सी मुझे
          हो गई, जान-ए-जहाँ, तेरी आदत सी मुझे
          देखूँ मैं जब तुझको तो तब मेरा दिन ये ढले
          
          दीवाना कर रहा है तेरा रूप सुनहरा
          मुसलसल खल रहा है मुझको अब ये सहरा
          बता अब जाएँ तो जाएँ कहाँ
          
          Hehehe...ok bye‍♂️‍➡️‍♂️‍➡️‍♂️‍➡️