नमस्कार, मैं सूरज उपाध्याय ।
अगर आप मेरे वाल पर आते है, मेरी द्वारा रचित रचनाओं को पढ़ते है, तो मेरी आपसे गुज़ारिश है कि आप अपनी राय भी प्रगट करे ।
आप क्या सोचते है, क्या चाहते है मुझे उस बात से फर्क पड़ता है ना कि कितने लाइक्स, वोट्स या फॉलोवर से ।
मेरी रचनाएं पढ़ने के बाद आपको को खुशी मिलती है, गुस्सा आता है, या जो भी विचार हो आप उसे खुले दिल से प्रगट करिए बिना किसी संकोच या लाज-लज्जा के ।
अगर आपको किसी प्रकार की कमी या फिर सुधार की कोई गुंजाइश लगती है तो वह भी बेझिझक आप मुझे बताइये । ताकि अपनी अगली रचना में आपको निराश ना कर सकूं ।
इस इन्तेजार से की आप अपना कीमती सुझाव देंगे,
आपका नज़्म_नादान(सूरज उपाध्याय)