जो दिखता नहीं चांद की रोशनी में,
छोटा सा सितारा हूं मैं।
और हजारों लोगो की तरह,
छोटा सा आशिक हूं मैं।
हर लब पर होता है ज़िक्र तेरे हुस्न का,
नाकाम सा तेरी मुस्कुराहट का मारा हूं में।
  • EntrouDecember 2, 2019

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História de Prabhjot Kaur
बधाई हो आप भारत में हैं।, de PrabhjotKaur852
बधाई हो आप भारत में हैं।
This poetry is about today's medical students life. in the pandemic situation of corona
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