दिलों में तुम अपनी बेतबियाँ लेके चल रहे हो तो ज़िंदा हो तुम!
नज़र में ख़्वाबों की बिजलियाँ लेके चल रहे हो तो ज़िंदा हो तुम!
हवा के झोंकों के जैसे आज़ाद रहना सीखो,
तुम एक दरिया के जैसे लहरों में बहना सीखो,
हर एक लम्हे से तुम मिलो खोले अपनी बाहें,
हर एक पल एक नया समा देखें ये निगाहें,
जो अपनी आखों में हैरानियाँ लेके चल रहे हो तो ज़िंदा हो तुम!
दिलों में तुम अपनी बेतबियाँ लेके चल रहे हो तो ज़िंदा हो तुम!
- golden words by Farhan Akhtar ✨
  • somewhere in my own fantasy
  • JoinedOctober 29, 2020


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chaisuttaforthewinn chaisuttaforthewinn Mar 08, 2023 03:46AM
Happy holi ❤️
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