तू ही रे,
तू ही रे
तेरे बिना मैं कैसे जीयूं
आजा रे,
आजा रे
यूँ ही तड़पा ना तू मुझको
जान रे,
जान रे,
इन साँसों में बस जा तू
चाँद रे,
चाँद रे,
आजा दिल की ज़मीन पे तू
चाहत है अगर
आके मुझसे मिल जा तू
या फिर ऐसा कर,
धरती से मिला दे मुझको
तू ही रे,
तू ही रे
तेरे बिना मैं कैसे जीयूं
आजा रे,
आजा रे
यूँ ही तड़पा ना तू मुझको
इन साँसों का देखो तुम पागलपन
के आए नहीं इन्हें चैन
मुझसे ये बोली
मैं राहों में तेरी अपने बिछा दूं ये नैन
इन ऊंचे पहाड़ों से जां दे दूंगी मैं
अगर तुम ना आई कहीं तुम
उधर जान उम्मीद मेरी जो
तोड़ो इधर ये जहां छोडू
मैं मौत और ज़िन्दगी,
तेरे हाथों में दे दी रे