Story by Haseenamallik
- 1 Published Story
KARISHMA SINGH'S CONFESSION
435
10
1
इतना कभी न सहा....... न जख्म ऐसे पाए थे।
सकून समझा था हमने जिसे... वो दर्द बनकर आए थे।
#221 in heartless
See all rankings