बहुत समय पहले की बात है ब्रूटवासा (वर्तमान अफ्रीका) में एक राजा अपने राज्य बसागु पर शासन किया करता था. एक बार राजा शिकार खेलने जंगल में गया. उसने सोचा
"आज कोई जानवर दिखाई नहीं दे रहा. कहां चले गए सब जानवर?"
वह चलता गया, चलता गया. वह चलते-चलते घने जंगल में पहुँच गया. वह जंगल इतना घना था कि सूर्य की रोशनी जमीन को नहीं छूती थी. वह आगे गया उसने देखा कि एक सोने जैसे रंग का हिरण विचरण कर रहा था. राजा ने सोचा
"अरे इसका रंग कितना सुंदर है, यह महल की दीवार पर टंगेगा."
यह सोचकर राजा ने बाण चला दिया. बाण हिरण को लगा और तत्काल ही उसकी मृत्यु हो गई. वह हिरण एक जादूगरनी का था . राजा जैसे ही हिरण को उठाने के लिए आगे बढ़ा, जादूगरनी प्रकट हुई. उसने कहा
"तूने मेरे प्रिय हिरण को मारा. अब मैं तुझे श्राप देती हूं कि तेरी मृत्यु के बाद तेरा पुत्र हर रात एक भयानक जीव बन जाएगा."
राजा यह सुनकर भयभीत हो गया. यह सारा दृश्य राजा के नगर का ही एक बूढा चोर देख रहा था. उसने सोचा
"मैं भले ही चोर हूं पर मेरा फर्ज बनता है इंसानियत के नाते मैं यह बात रानी को बताऊँ."
यह सोचकर चोर नगर की ओर जाने लगा. रास्ते में राजा के सैनिकों ने चोर को पकड़कर बंदीगृह में डाल दिया. यह राज केवल उस चोर को पता था और किसी को नहीं.
कुछ समय बाद राजा महल पहुंचा. महल पहुंचकर राजा सारा हाल सुनाना चाह ही रहा था पर महल में कदम रखते ही मूर्छित हो गया. बहुत दिन तक ठीक ना होने के कारण राजा की मृत्यु हो गई. मरने से पहले राजा अपना सारा राजपाट अपने इकलौते बेटे टिमाली के नाम कर गया था. टिमाली को यह पता ही नहीं था, उस पर काले जादू का साया है. वह हर बार सोचता
"रात को माता मुझे कमरे में अकेला बंद क्यों कर देती हैं."
ऐसे ही एक दिन टिमाली जंगल में शिकार करने गया. वह थोड़ी दूर चला तभी अचानक एक बाघ ने टिमाली पर झपट्टा मारा. टिमाली ने झुककर अपना बचाव किया. बाघ फिर दहाड़ा

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जादुई गोला
Aventuraराजा की एक गलती की वजह से राजकुमार टिमाली श्राप से ग्रसित हो गया. लंबे समय तक उसे इस बात का पता नहीं चल पाया. एक दिन उसे पता चला तो वो इसके उपाय के बारे में जानने गया और आखिर वो श्रापमुक्त हुआ...