मेरा यार था।

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वो जो फख्र था वो मेरा यार था।
वो है अब निशा, मेरी मज़ार का।।

ये जो इश्क़ है, है ग़मे ज़िन्दगी ।
ये जो नक्श है मेरे यार का।।

वो जो तर्ज़ थी, वो सुना ही दी।
वो जो तर्ज़ जो सुबह ग़म की थी।।

मैं फक़त अभी वहीं ठहरा हूँ।
वो ज़मीन जहां उन का वादा था।।

यहाँ के अब हमे है बहुत सुकून ।
वो जो वक़्त था वो ग़ुज़र गया।।

मैं हूँ खुश है तन्हा ज़िन्दगी ।
वो जो कर्ज़ था वो उतर गया।।

वो जो ग़म दिया है मेरे यार ने।
है वो ग़म नही है वो ज़िन्दगी।।

वो जो अक़्ल थी वो है मिट चुकी।
वो जो प्यार था वो तो दफन है।।

वो जो लफ्ज़ थे वो सभी झूट थे।
वो जो वक़्त था सभी जाया था।।

मैंने कब कहा के मैं उन का हूँ।
वो जो सोच थी वो बदल चुकी।।

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