जब से तुम से मिले है हम

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जब  से तुम से  मिले  है  हम
एक  दिन  न  बीता 
जब  हमने  तुम्हे  याद  न  किया,
कहने  को  तो  अनजान  थे  तुम
मगर  ये  दिल  न  समझा
और  तुम्हे  इसने  जाने  न  दिया।

बहोतो  से मिले  थे  पहले
पर  तुम-सा  कोई  मिला  न  था,
इस  बंद  किताब  में  आखिर  छुपा  क्या  है
ये  हमने  सोचा  न  था।

मन  करता  है की  तुम्हे  जानू
दिल  करता  है  की  तुम्हे  समझू
मगर  डरते  है  क्यूंकि,
इस  दिल  को  जानते  है  हम
और  तुम्हारा  जवाब  मालूम  है  हमे....।

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⏰ पिछला अद्यतन: Sep 24, 2022 ⏰

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