कभी सोचा

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  कभी सोचा कि पहली बूंद पड़ते ही,
  ये मिट्टी की महक हर दिल में क्या जादू जगाती है ?!!
  ये क्यूं हर दिल को भाती है??
  कभी सोचा...??!!
सुहानी रात जब माथे पे पूरे चांद की बिंदिया सजाती है..,
तो अरमानों भरे दिल क्यूं धड़कते हैं?
  कभी सोचा..?!!
कभी सोचा कि जब नन्ही सी बेटी मुस्कुराती है,
पिता को अपनी दिन भर की थकन क्यूं भूल जाती है..?!
  कभी सोचा कि क्यूं मां बाप से ज़्यादा,
  कई बच्चों को बूढ़ी दादी मां की गोद भाती है..??!
बड़े शहरों , नए ऊंचे मकानों में बसे खुशहाल लोगों को,
क्यूं अपने गाओं के कच्चे घरों की याद आती है...??
कोई तितली अचानक गाल को छू कर गुज़र जाए,
ज़रा सा रंग चेहरे पर ठहर जाए,
तो लब क्यूं मुस्कुराते हैं..?!
  नदी के तट पे झूला झूलती मासूम आंखों में,
कई रंगों के सपने कैसे और कब जन्म लेते हैं..?!!
  किसी भी अर्थ से और तर्क से आगे भी दुनिया है।
  भले बेनाम , पर अनमोल दुनिया है..!!
  मगर हम ने, कभी सोचा..??!!

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⏰ पिछला अद्यतन: Aug 29, 2022 ⏰

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