खुले बालों को संवार तो लोगी
कंधे पर पढ़ी नजर को उतार तो दोगीजाते जाते अंग जो लग गया
उसको जरा मीठा तो दोगीपर मेरी आंखों में है तेरा रूप
क्या ओ निकाल पाओगीशायद तु अब धूल गई, सब भूल गई
पर यार तेरी याद पर मुझे याद आ गईपता है अकड़ अकड़ में मुंह फेर लिया तूने
मत भूल हजार बार मनाया जिसनेचल कोई राज की बात करू
तेरे संग मैं तुझपे मरूपर पूरी कर तेरी तलाश फिरसे मिल जाउ
मेरे जैसा कोई मिले तो मैं उसे मिलने आऊ