mu Ki Chinta wy ke liy

104 3 3
                                    

Mu : wy के जाने के बाद महारानी गुस्से में अपने पति की तरफ देखती हैं "और कहती है कि मुझे पता है आप मुझसे बहस इसीलिए करे थे जिसकी वजह से wy  मेरे गुस्से से बच जाए!

Jf : मुस्कुरा कर अपनी पत्नी की तरफ देखते हैं!और कहते हैं जब आप जानती हैं!तो फिर क्यों पूछी रही हो आप!

Mu : आपने ऐसा क्यों किया आप जानते ही हैं कि wy समय के साथ बड़ा और ज्यादा ही शरारती होता जा रहा है जिसकी वजह से मुझे उसकी बहुत चिंता रहती है!

Jf : हां मैं जानता हूं कि तुम्हें उसकी बहुत ज्यादा ही चिंता रहती है लेकिन!मुझे यह भी पता है! कि उसे सजा देने के बाद आप खुद ही दुखी होंगी और मैं आपको परेशान और दुखी नहीं देख सकता!

Mu : अपने पति से थोड़ा रूठते हुए और गुस्से में कहती हैं आप जानते ही हैं कि मैं wy को सजा इसलिए नहीं दे रही थी क्योंकि wy ने कोई गलती करी है मैं तो इसलिए wy को सजा दे रही थी वह महल से बाहर गए थे

Jf : अपनी पत्नी को समझाते हुए और उन्हें प्यार से कहते हैं कि कब तक तुम यह बात सब से छुपा कर रख सकती हो कि wy हमारे दोनों बच्चों से अलग हैं
कभी ना कभी यह बात सबको पता ही चल जाएगी

Mu : गुस्से में अपने पति से कहती हैं आप जानते हैं मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है फिर आप इस बात को क्यों छोड़ रहे हैं मैं जानती हूं मैं इस बात को नहीं छुपा सकती लेकिन मैं अपने बेटे को लोगों की बुरी नजरों से बचाकर और उसकी हमेशा ही रक्षा करूंगी!

Jf : अपनी पत्नी के हाथ को पकड़ते हैं और प्यार से उन्हें समझाते हुए कहते हैं कि मैं जानता हूं कि आप अपने बेटे को लेकर बहुत ही ज्यादा चिंतित रहती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप उसे हमेशा महल में ही कैद रखेंगी!

Mu : उदास होकर कहती है कि मैं जानती हूं कि मैं wy को महल में कैद नहीं कर सकती लेकिन उसकी लोगों से रक्षा तो कर सकती हूं!

Jf  : अपनी पत्नी को समझाते हुए कहते हैं कि आप wy  को अच्छे से जानती हैं कि आप अगर उसे महल से बाहर जाने से मना करेगी तो wy महल से जरूर बाहर जाएंगे आप को पता है की wy उस आजा चिड़िया की तरह है जिसे जितना कैद करने की कोशिश करोगी वह उस पिंजरे से ऊतनी दूर और खुलकर उड़ने की कोशिश करेंगे!

Mu : अपने पति के सभी बातों को सुनती है और कहती है कि मैं जानती हूं की मैं wy को किसी पिंजड़े या महल में कैद नहीं कर सकती हूँ लेकिन मैं किसी को भी अपने फूल से बेटे को नुकसान भी नहीं पहुंचाने देना चाहती हूं इसीलिए मैं उसे हमेशा महल में ही रखना चाहती हूं जिससे wy को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो!

Jf : पति पत्नी के बातों को सुनते हैं और मुस्कुराते हुए कहते हैं कि तुम अच्छे से जानती हो कि तुम कभी भी नियति और किस्मत को नहीं बदल सकती हो फिर तुम कोशिश ही क्यों करना चाहती हो! ऐसा करके तुम्हें कुछ भी हासिल नहीं होगा जो है किस्मत में वह होना ही है चाहे तुम कितनी भी कोशिश कर लो!

Mu : अपनी पति की बातों को सुनती है और गुस्से में कहती हैं कि मैं किस्मत को भी बदल देंगी अपने बेटे को बचाने के लिए मे wy को बचाने के लिए कुछ भी करूंगी!

Jf : अपनी पत्नी को समझाते हुए कहते हैं कि तुम्हें क्या लगता है कि मुझे wy की कोई फिक्र नहीं है मुझे भी उसकी उतनी फिकर है जितनी तुम्हें है वह मेरा भी बेटा है लेकिन मैं यह नहीं चाहता!की हम अपने डर के कारण wy की खुशियों को तो नहीं छीन सकते! आप अच्छे से जानती हैं कि हम wy को किसी भी पिंजड़े या महल में कैद नहीं कर सकते! तो आप wy को महल में क्यों रखना चाहते हैं!

Mu : अब मैडम यू रोते हुए कहती हैं कि आप अच्छे से जानते हैं कि मैं wy को महल में क्यों रखना चाहती हूं!

Jf : नहीं मैं नहीं जानता आप ऐसा क्यों कर रही है





My hidden concertजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें