🌸शाम मस्तानी🌸

5 0 0
                                    

उस शाम को मैं भी वहा थी

Oops! This image does not follow our content guidelines. To continue publishing, please remove it or upload a different image.

उस शाम को मैं भी वहा थी

तुम पहचानने से इंकार गए

तुम्हारी परछाई को तरसती मेरी नज़रें

मोहब्बत इकरार गए

मुड़के देखा होता तुमने

तो मेरी बेचैनी पहचान लेते

जहां से परे

एक आशियाना बनाया है मैंने

इधर आते

तो शायद मुझे जान लेते

तो शायद मुझे जान लेते

Oops! This image does not follow our content guidelines. To continue publishing, please remove it or upload a different image.
Color Me CrushedWhere stories live. Discover now