वस्ल की रात

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मुझ पर बस
इतना करम करना

वस्ल की रात
ना आने देना

उस मंज़िल
तक
सिर्फ परिंदों
को पहुचने दो

हम
किसी और मुद्दत
उस घर
को बसाएंगे-
पहले अपने खतो से
और फिर भीनी भीनी
हवायो से

अभी उस
मकान को
ख़ाली रहने दो

वस्ल की रात
को दूर तलक
रहने दो

FRONTIERSWhere stories live. Discover now