धर्मनिरपेक्षता की चिंगारी

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चुनावी नतीजों ने पुनः यह साबित कर दिया कि
त्रेतायुग में जो प्रजा राजा राम की न हो सकी वो
कलयुग में किसी और की क्या होगी? धर्मनिरपेक्षता
की पट्टी बांधे लोग खुद को हिंदू कहते हैं मगर अपने
ही हित के लिए क्या सही है क्या नहीं यह तय नहीं
कर पाते हैं!! जब बात अपनी उन्नति और सुरक्षा की
आती है तो लोग अन्य बातों पर ध्यान नहीं देते मगर
आज के लोगों में यह विपरीत है; शायद उनको
उन्नति और सुरक्षा नहीं बल्कि पिछड़ापन, गरीबी और
धर्म के नाम पर बांटने वाली राजनीति चाहिए!
लोगों ने पुनः यह साबित कर दिया कि उन्हें रामराज्य
नहीं बल्कि गुंडाराज चाहिए!
चुनावी नतीजों के परिणाम को देख खुशी मनाने वाले
लोग खुद को शिक्षित कहते हैं, जिनके हारने की दुआ
कर रहे हैं वहीं हिन्दू और हिंदूत्व के लिए खड़ा है !
अपने हिंदूत्व की रक्षा के लिए सही सरकार का साथ
देने वालों को अंधभक्त और अशिक्षित कहा जाता है ;
अगर सच्चाई का साथ देना अंधभक्ति है तो हमें गर्व है
अपनी इस अंधभक्ति पर ....
शेष तो समय बताएगा कि धर्मनिरपेक्षता हिंदूत्व
के लिए कितनी विनाशकारी होगी।
Jai hind 🙏

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