"खुशी का इज़हार"

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" Beauty is eternity gazing at itself in a mirror
But you are eternity and you are the mirror."
Kablil Gibran.

उनकी महक से महका दिल का मेरे चमन हैं।
वह जब से आ गए हैं दिल को मिला अमन है।
मौसम खिजाँ में कैसे बहार आई
गुल कह रहें हैं हँसकर यह महक कहाँ से आई ।

मुस्कुरा कर पुष्प ने इज़हार खुशी कर दी
डाली भी झूली ऐसे इज़हार खुशी कर दी
आया बसंत ऐसे इस बार इस चमन में
महका गुलाब ऐसे इज़हार खुशी कर दी
कलियाँ खिली हैं ऐसे
जैसे जिन्दगी मिली है
पुष्प मुस्कुराते ऐसे
इन्हें रोशनी मिली है महका है चमन का मेरे
हर एक कोना -कोना।

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