कुछ लम्हे थे
कुछ ख्वाहिशें
कुछ सपने थे
कुछ चाहते
कुछ बातें थी
कुछ आदते
कुछ लोग थे
कुछ दस्तकें
कुछ ख्वाब थे
कुछ सलवटें
पर अब तो बस एक याद है
जो रह गई है साथ में।वो यादें जो कि ले चली
हमें उन लम्हों मेंजिन्हें हमने जिया भरपूर था
ये जानती बखूबी हैं कि
हम हैं जीना चाहते
उन लम्हों को एक बार फिर
ये यादें मेरे लबों पर
कभी मुस्कुराहट ले आती हैं
कभी ये आँखो को मेरे
आँसुओं से नम कर जाती हैं
पर अब ना मैं अनजान हूँ
ना ही मैं नादान हूँ
मैं हूँ अब ये जानती
अच्छी हो या बुरी
ये यादें मेरी पहचान हैं
क्योंकि इन्हीं को याद कर
मैं जी रही स्वछंद हूँ
अच्छी यादों से मिली जो
मुस्कुराहट हरबार है
वो दे रही ये आस है
कि फिर से वो दिन आएँगे
जो फिर से खुशियाँ लाएँगे
मायनें इस जीवन के
फिर से बदल तब जाएँगे
फिर पुराने अंदाज में
वो दस्तके दे जाएँगी
और फिर मेरी मुस्कान
ये बयाँ कर जाएगी
कि ये यादें नहीं
ना ख्वाब है
ये तो बस एक अहसास है
जो भी है ये मेरा आज है।