आज

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कुछ आज के अहसास में

कुछ कल के छूटे ख्वाब में

कुछ कबसे बिखरे से याद में

कुछ लहरों की पुकार में

कुछ स्वरों के अंतर्वाह में

हैं खो गए

हैं खो गए........

कुछ आज से ही लग गए

स्वप्न पूर्ति की चाह में

कुछ कहते हैं कल लग जाएँगे

इस निर्विघ्न कार्य में

कुछ चल रहे

कुछ चले थे

कुछ अब भी चलने वाले

अब उसी ओर हैं.......

रास्ते अनेक हैं

पर सबकी मंजिल एक हैं

कुछ लक्ष्य के अब पास हैं

कहीं जीतने की आस है

पर क्या इस आस से

जीत वो भी पाएँगे??

पर........

क्या जीत ही एक लक्ष्य हैं??

आज मैने ये माना हैं

इस जिंदगी के मायने कुछ और हैं

इसलिए अब मैं आज में जीने लगी.......

ताकि कल भी मैं खुलकर जी सकूँ

और अपने कल में भी मै

हसीं यादें सजा सकूँ.........

अनहद नाद~~जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें