वक्त का ये सिलसिला
कबसे है चलता आ रहाये जिंदगी भी वक्त संग
कबसे है ढलती आ रहीमेरी जिंदगी में इस वक्त ने
कितने पडाव लाए हैकभी बचपन, कभी यौवन
कभी वृद्धावस्था आए हैमैंने सुना है हर इंसान का
वक्त बदलता रहता हैपर क्या ये भी सच है कि
वक्त इंसानो को बदलता हैक्योंकि ऐसा एक वक्त था जब
तुमने दी थी दिल पर दस्तकेंऔर फिर उसी एक वक्त मे
हम तेरे दिवाने हो गएउस वक्त मे हमने तेरे संग
कितने सपने सजाए थेहमने न जाना था तब कि
उन सब से तू अनजान हैतेरी जिदंगी मे मेरी
अलग ही कुछ पहचान हैतेरे ख्वाबो मे तो अब
आ गया कोई और हैऔर अब इसी एक वक्त
मैं अकेले रह गईपर मैं अब भी तेरी
यादों को अलविदा ना कह सकीअब भी दिल मे मेरे
एक छोटी सी आस हैकि फिर तू आएगा
एक दस्तक दे जाएगाऔर फिर उसी वक्त को
दिल में सजा के रख लूँगीऔर शायद उसके साथ ही
मैं आगे बढ पाऊँगी.........