part 2

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मुझे उसके कहे वाक्य सुन कर बहुत अच्छा लगा,,,,

उसने इतनी ईमानदारी से अपनी इस बात को मेरे सामने रखा कि मैं ना नहीं कर पाई और मैंने हाँ कर दिया।

उस दिन उसने बस इतना हीं कहा और चला गया।

मुझसे दोस्ती करने की खुशी मैं साफ़-साफ़ उसके चेहरे पर देख सकती थी,
मैंने इस बात को बड़े हल्के में लिया, हांलाकि मुझे ये सोच कर दिन भर बहुत हंसी आ रही कि किस तरह से डरते-डरते उसने मेरा हाथ पकड़ा था।

जब मैंने अपना हाथ उसके हाथों में दिया था तो मैं अच्छी तरह से उसकी कांपती हाथों को महसूस कर सकती थी. और पूरे दिन उस वाकये को याद करके मुझे हंसी आ रही थी।

मैं अकेले में भी बिना बात के हँसे जा रही थी. मेरे आस-पास रहने वाले लोग ये देख कर समझ गए थे कि जरुर कोई बात है।

अब हम दोनो दोस्त बन गए थे।

उसने बड़ी ही चालाकी से मुझसे किसी भी वक्त फोन पर बात करने की इजाजत मांग ली थी।

अब वो मुझसे फोन पर बातें करने लगा था।
अब उससे बात करना मुझे भी अच्छा लगने लगा था।

मेरे अंदर क्या चल रहा था मुझे समझ में नहीं आ रहा था. क्यों मैं उसके फोन का इंतज़ार करने लगी थी ? क्यों मैं उसकी ओर खिंची चली जा रही थी ?

शायद उससे अपनी बातें share करना मुझे अच्छा लगने लगा था,
जब भी मैं उदास होती किसी को पता चले ना चले उसे पता चल जाता था, और वह मेरी उदासी को दूर करने का हर संभव प्रयास करता था।

और फिर एक दिन

उसने मुझसे I Love You 💍कहा,,,,और मुझसे मेरी इच्छा पुछी।

मुझे वक्त लगा... लेकिन मैंने भी अपने प्यार का इजहार कर दिया।

मेरे हर जन्मदिन पर मुझसे ज्यादा खुश होना, मेरे ऊपर हजारों रुपए मना करने के बावजूद खर्च कर देना, वो दीवाना था मेरा...

उसने भी मुझे अपना दीवाना बना लिया था।

उसकी बाइक पर अक्सर घूमने निकल जाना,
कॉलेज बंक करके फिल्म देखने जाना, ये सब हमें अच्छा लगने लगा था।

उसकी पूरी दुनिया बन गई थी मैं,
मेरी पूजा करता था वो,मेरे लिए किसी से पंगा लेने से पहले बिल्कुल नहीं सोचता था वो।


दिन तेजी से बीतने लगे,
हम दोनों दुनिया को भूल चुके थे. प्यार के उस दौर ने हम दोनों को भीतर से बदल दिया था।

हमने प्यार की ढ़ेरों कसमें खाई, और ढ़ेरों वादे किए।

और फिर
वक्त ने करवट लिया,

मेरे पिताजी ने 21-22 साल की कम उम्र में हीं मेरी शादी पक्की कर दी।

अंदर से मेरा हाल तो बेहाल था, लेकिन वह मुझसे ज्यादा बेहाल था।
वह किसी भी हद तक जाने को तैयार था, मेरा साथ पाने के लिए।

लेकिन मैं जानती थी, कि अगर मैं घर से भाग जाती हूँ तो मेरे घर वालों का समाज में जीना मुश्किल हो जाएगा।

कड़े मन से मैंने उसके साथ जाने से इंकार कर दिया।

वह हर दिन सैंकड़ो बार कोशिश करता कि मेरे फैसले को बदल पाए, लेकिन मैं नहीं मानी।

ओर फिर
मेरी शादी हो गई,,,,,,,,,

That day our heart broken.......
😍😍😍😭😭😭😭

To be continued..........

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