part 1

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उससे मिलने से पहले मेरे जीवन में कुछ खोखलापन सा था, एक अजीब सा खालीपन था, जिसे आजतक मेरे अलावा किसी ने महसूस नहीं किया था।
क्योंकि मैं स्वभाव से बहुत चंचल थी, इस कारण मैं कॉलेज में भी और घर में भी लोगों से घिरी रहती थी।

इसके बावजूद कि मैं बहुत बोलती थी।
मेरे जीवन का एक दूसरा पहलु भी था और जीवन के उस हिस्से में आने की इजाजत मैंने किसी को नहीं दी थी।

बाहर से खुश दिखाई देने वाली लड़की जिसे लोग हर पल हसंते-खिलखिलाते देखते थे, उसके बारे में ये अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता था कि वो अंदर से इतनी अकेली होगी, ढेर सारे दर्द अपने भीतर समेटे हुए होगी।

मैंने अपने आस-पास एक घेरा सा बना लिया था, कोई भी मेरे द्वारा बनाए गए दायरों को नहीं तोड़ सकता था।

और फिर एक बार,,,,,,,,,,


मुझे इस बात पर यकिन नहीं हो रहा था कि कोई लड़का मेरे बनाए गए दायरों को तोड़कर मेरी सोच में समाता चला जा रहा है।

शुरू-शुरू में उससे बात करना महज एक औपचारिकता थी।

सहपाठी होने की वजह से मेरी और उसकी अक्सर थोड़ी-बहुत बातचीत होती रहती थी।

लेकिन मुझे इस बात का इल्म तक नहीं था कि वो मुझे मन ही मन पसंद करता था, मुझसे दीवानों की तरह प्यार करता था।

ये अलग बात थी कि आज तक उसने इस बात को मेरे सामने कभी जाहिर नहीं होने दिया था।
मुझे छोटी से छोटी तकलीफ होने पर, उसे मुझसे ज्यादा दर्द होता था।
कोई ऐसे भी किसी को चाह सकता है यकीन करने में बहुत वक्त लगा, लेकिन समय के साथ मुझे इस बात का एहसास हो गया कि ये लड़का मेरी चिंता करता है, मेरा ख्याल रखता है।

उसके प्यार में पागलपन था।
मेरी ख़ुशी के लिए वो कुछ भी कर देता था।

उस लड़के ने बिना इस बात का जिक्र किये कि उसे मुझसे बातें करना अच्छा लगता है, मेरे साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है, बड़ी ही चालाकी से मुझसे दोस्ती के लिए पूछा।

उस दिन संयोग से हम दोनों कॉलेज जल्दी आ गए थे और क्लास रूम में कोई नहीं था- '' उसने कहा कि क्या मैं तुम्हारा हाथ पकड़ सकता हूँ ''

पहले तो मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ।

आज इस लड़के को क्या हो गया है ये इस तरह की बातें क्यों कर रहा है।

लेकिन मुझे उसपर पूरा भरोसा था कि वो कोई गलत काम नहीं करेगा, उसकी आँखों में सच्चाई थी और ये बात मैं साफ़-साफ़ देख सकती थी।

उसने इतनी Honestly मेरा हाथ माँगा कि मैं उसे मना नहीं कर पाई और मैंने उसे अपना हाथ दे दिया.

''उसने मेरा हाथ अपने हाथों में लिया और कहा, क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी तुम मुझे अच्छी लगती हो और मैं तुममें एक अच्छा दोस्त देखता हूँ, अच्छा इंसान देखता हूँ और मैं चाहता हूँ कि मैं जिंदगी भर तुम्हारा दोस्त बनकर तुम्हारे साथ रहूँ.''

I m Felling shocked......

To be continued.....

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