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Shab e Intezaar ki kashmakash ....
Main na poch ksy sher hui...
Kabhi Ek Chirag Jala Diya...
Kabi Ek chirag Bhuja diya.....

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Default Title - DIL KE  EHSAS जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें