केवल एक निराशा से ,
हम विमुख हो जाते हैं जीवन में आशा से ।
टूट कर रह जाते हैं ,
कई सपने बिखर जाते हैं ।बीता हुआ कल फिर नहीं लौटता ,
समय का पहिया कभी नहीं रुकता ,
मिलना और बिछड़ना , ज़िंदगी की रीत है ,
हराकर भी जीना , इसी में सबकी जीत हैं।कई उतार - चढ़ाव आयेंगे,
कई रास्ते उलझ जायेंगे,
स्वयं पर अगर विश्वास हो ,
तो हर बाज़ी जीत पायेंगे।सुख - दुःख तो आता रहेगा ,
उनसे जुड़ना सीखो ,
हार -जीत तो होती रहेगी ,
परिश्रम करना सीखो ।Thank you! Hope you all liked it!
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निराशा (Niraasha)
PoetryThis poem is written in Hindi . It deals with the various difficult situations each one faces in his life and how they overcome these situations with a tinge of hope. Many a times worst situations make us feel helpless, lonely and tired this poem...