कभी हाथो, कभी किश्मत की लकीरों मे ढूंढता हु तुझे
कभी खुदा कभी उसके फकीरो मे ढूंढता हु तुझे
तू मिल भी जा किसी राह पर
अक्सर गुज़रते हुए राहगीरों मे ढूंढता हु तुझे
ढूंढता हु तुझे
कभी हाथो, कभी किश्मत की लकीरों मे ढूंढता हु तुझे
कभी खुदा कभी उसके फकीरो मे ढूंढता हु तुझे
तू मिल भी जा किसी राह पर
अक्सर गुज़रते हुए राहगीरों मे ढूंढता हु तुझे