#Hindi

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रूह ने चुन लिया है अपना हमसफर

मेरे हां या ना कहने की गुंजाइश ना रखी

इश्क ने यूं फेंका इस बार अपना पांसा

दरिया-ए-इश्क के सिवा दूसरी कोई मंजिल ना बची


undoubtedlymine
20.01.2019

2019Where stories live. Discover now