jarurat.

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जरूरत से ज्यादा झुकना भी सही नहीं लोग आपके झुके सर को सवारी समझ कर  आपके कंधे पर सवार होकर आगे निकल जाते हैं.....
जरूरत से ज्यादा विनम्र भी सही नहीं.. लोग चापलूसी का इल्जाम लगा जाते हैं....

जरूरत से ज्यादा अकड़ भी सही नहीं  लोग पास आने से भी कतराते हैं....
जरूरत से ज्यादा क्षमा शील होना भी सही नहीं लोग खता करना अपनी आदत बना लेते हैं..

जरूरत से ज्यादा सत्यवादी भी होना सही नहीं अक्सर लोग कड़वा फल खाने से ही कतराते हैं...

जरूरत से ज्यादा निस्वार्थ प्रेम करना भी सही नहीं लोग इसे आपकी कमजोर आदत समझ कर स्वहित बनाते हैं...

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 - कड़वा...किन्तु सत्यजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें