गुलज़ार

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शाम से आंख के नमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है।।

जिंदगी पर भी कोई जोर नहीं,
दिल ने हर चीज पराई सी दी है।।

वक़्त रहता नहीं कही टिक कर,
आदत इसकी भी आदमी सी है।।

     #gulzar

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⏰ Last updated: Feb 22, 2020 ⏰

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