वापसी

16 0 0
                                    

प्रियंका आज बहुत गुस्से में थी। वह प्रशांत को कई दिनों से फोन कर रही थी परंतु प्रशांत फोन को ना तो रिसीव  कर रहा था और ना ही कोई बैक कॉल कर रहा था।
वह बहुत परेशान थी, वह मन बना चुकी थी, कभी उससे बात नहीं करेगी। अब प्रशांत को उसके प्यार की कोई कदर नहीं है।
वह उससे बहुत प्यार करती थी पर उसका यह व्यवहार उसे बहुत परेशान कर रहा था।  इसलिए उसने ठान लिया कि वह उससे बात ही नहीं करेगी।
यह सोचकर वह प्रशांत को भुलाने की कोशिश करते हुए अपनी दिनचर्या में जुट गई। ऑफिस जाती, घर आती,   फिर सो जाती ।
प्रशांत का कोई फोन या संदेश नहीं आया। प्रियंका अपनी दुनिया में व्यस्त थी। एक दिन जब वह रसोई में खाना पका रही थी तभी फ़ोन की घंटी बजी तो उसने देखा प्रशांत का फोन था। प्रशांत का नाम देखकर वह सोच में पड़ गई। काफी देर तक  सोचती रही, क्या करूं?
आखिरकार उसने फोन उठा लिया था, उसने  प्रशांत को खूब खरी-खोटी सुनाई । प्रशांत उसकी बात सुनता रहा फिर प्रियंका ने उससे पूछा कि जब वह उसे पसंद ही नहीं करता है, तो उसके साथ प्यार का झूठा दिखावा क्यों किया?
प्रशांत बड़े शांत स्वभाव से उसकी बात सुनता है तथा बताता है कि वह एक जरूरी कार्य में व्यस्त था। उसके पिताजी की तबीयत ज्यादा खराब होने की वजह से वह हॉस्पिटल में एडमिट थे तथा उनका देहांत हो गया है। वह अब भी अपने पिताजी के गम से उभर नहीं पाया है।
इतना सुनते ही प्रियंका ने माफी मांगते हुए कहा, सॉरी ,मैंने तुम्हें भला बुरा कहा, तुम एक मैसेज छोड़ देते तो मुझे इतनी परेशानी नहीं होती। मुझे माफ कर दो, प्लीज। प्रशांत मैंने तुम्हारे बारे में गलत सोचा।
प्रशांत ने बड़े शांत स्वभाव से कहा कि तुम मुझे  सच्चा प्यार करती हो ना, इसलिए मेरी परवाह करती हो, अच्छा कल शाम 4:00 बजे जन्नत रैस्ट्रां में मिलते हैं, फिर अपने गिले-शिकवे दूर कर लेना।
प्रियंका ने हां करते हुए एक चैन की लंबी सांस ली।
















आप प्रकाशित भागों के अंत तक पहुँच चुके हैं।

⏰ पिछला अद्यतन: May 07, 2020 ⏰

नए भागों की सूचना पाने के लिए इस कहानी को अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें!

 साल बाद एक मुलाकातजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें