बचपन की वो गली
जहासे मेरी यादे मुझे ले चली,
वो तेढा मेढा रास्ता
जहासे शुरू हुई मेरी दास्ताँ
दादी का वो प्यार
कभी बिछड़े मेरे वो यार
याद आये मुझे वो हर बात
जो सुनाये मुझे मेरी दास्ताँ
छोटी-छोटी बातो पे मेरा रूठना
कभी-कभी बात ना करे तो रोना,
खेले तेरे संग वो रंग
वो दिवाली की उमंग
तेरे साथ बाते वो बेर
भूलूंगा कैसे वो सहेर
याद आये मुझे वो हर बात
जो सुनाये मुझे मेरी दास्ताँ
YOU ARE READING
मला शोधताना...
Poetryचालतोय फक्त आयुष्यात सोबत आठवणी तुझ्या... कुठेतरी तू सापडली मी मला शोधताना...