आप पढ़ रहे हैं चेतना के अंकुर Поэзия छोटी छोटी रचनाओं का संकलन #2liners #2linesonly #micropoem #micropoetry #कविता #क्षणिका #शायरी #शेर यकीं 0 0 0 ajay_amitabh_suman द्वारा लेखक: ajay_amitabh_suman फ़ॉलो करें साझा करें Опубликовать в Вашем профиле Поделиться по электронной почте कहानी को रिपोर्ट करें भेजें Send to Friend साझा करें Опубликовать в Вашем профиле Поделиться по электронной почте Жалоба на историю करम पे प्रभु तेरे इतना तो यकीं है,कि सर पे छत तेरा पैरों पे जमीं है।