आप पढ़ रहे हैं चेतना के अंकुर Şiir छोटी छोटी रचनाओं का संकलन #2liners #2linesonly #micropoem #micropoetry #कविता #क्षणिका #शायरी #शेर स्वभाव 0 0 0 ajay_amitabh_suman द्वारा लेखक: ajay_amitabh_suman फ़ॉलो करें साझा करें Profiline Gönder E-posta ile paylaş कहानी को रिपोर्ट करें भेजें Send to Friend साझा करें Profiline Gönder E-posta ile paylaş Hikayeyi şikayet et जो संसार भाव पर चलता,सच का उसमें वास कहाँ?और स्वभाव पे जो फलता है ,मिथ्यापन एहसास कहाँ?