जलती धूप में जलता मन , जलते पाव लिये सुरी रास्ता काट रही थी|कैसे कैसे लोग होते है इस दुनिया में| पांचसो रुपये काटे वो कमिनीने, उपरसे झुटे इल्जाम लगे सो अलग, और अब ऐसा ईशथहार बाटेगी के नया काम भी नही मिलेगा जल्दी |
शादी का पुरा काम किया| खाना बनाना , झुटन सांफ करना, लादी पोछ्ना, सडे गले बारातीयोन्की गंदी बाते सुनना| और उलटा जबाब भी नहि देना, इतना करना और उपरसे पैसे भी कटवा लेना| मां को भी बुला लिया| अब उसकी रामायण कि पाठ सुननी पडेगी वो अलग|
मां कि तो एक हि रट रेहती है , सुरी जादा हवा मै न उडा कर , हम कोई राजकुमार के खानदान के तो है नही, जो तू इतने तेवर दिखाती है | एहसान मान कि उन्होने काम दिया |
सुरी ये मत करना
सुरी वह मत करना
सुरी सर उठाके मत चल
सुरी तुम्हारी जबान बहोत चलती है कैची कि तरह
सुरी चूप रहा कर हर बात का उलटा जबाब देना जरुरी नहि
सुरी तू कोई उंचे खानदान कि लडकी नहि है
सुरी , औरत जात ने सर झुकाके सब को साथ लेके चलना चाहिये
सूरी बाकी कुछ तो नहीं कर सकी, तो घुस्से में थूक ही दिया!
सूरी घर पोहोंची तो जैसे आवभगत करने बाप दारू पीकर झूल ही रहा था! मुट्ठीमें घुटे हुवे पैसे ले गया! सूरी और एकबार आंगन मै ही थुकी !
माँ गरज पड़ी देखो तो लड़की है या जमींदार! आंगन में थुकेनी तो नरक मै जाएगी!
सूरी ऐसे हसी मानो कौनसा वो स्वर्ग मै है!
एक कोने में ज्वालामुखी की तरह धदक ही रही थी! किसी जग्वार की तरह की कोई शिकार तो मिले, सारा गुस्सा उसीपर उढ़ेल दू!
तभी उसकी बड़ी बेहेंन आयी ! सूरी ने फिरसे थूकने की कोशिश की लेकिन आंगन जरा दूर था, और अम्मा ने देखा तो अम्मा ने तो बेलन उठा लिया!
ये बड़ी तो सूरी को सीधी आख़ नही सुहाती थी ! बारबार वही गीता पढ़ती ! सूरी पढ़ ले , आगे बढ़ फिर बहना ये काम हमे नही करना पड़ेगा !
आप पढ़ रहे हैं
Burning 🔥
JugendliteraturA young girl, an angry young woman. Her struggles in every day life with her situation, people around her. How she faces the life thrown at her??