मेरी ज़िन्दगी का वरक़ वरक़...(Meri Zindagi Ka Waraq Waraq...)
ये मेरी तमाम तख़्लीक़ात (रचनाओं) का मजमुआ (संग्रह) है। इसमें मेरी तमाम ग़ज़लें और नज़्में शामिल हैं। ये नज़्में और ग़ज़लें ज़िन्दगी और ज़माने के कर्ब और हालात से मुतास्सिर हैं। इसमें दिल का दर्द भी है और ज़माने, हालात और ज़िन्दगी से जूझते हुये इंसान की कशमकश भी। इसलिये आप से गुज़ारिश है कि इसको पढ़ें और वोट और कमेन्ट भी करें। -फ़रीद...