भाषा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने भावों व विचारों को लिखित, कथित अथवा सांकेतिक रूप से दूसरों को समझा सकते हैं और दूसरों के भावों व विचारों को समझ सकते हैं। क्षेत्रीय भाषा उस भाषा को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जो उन लोगों द्वारा बोली जाती है जो किसी राज्य या देश के एक विशेष क्षेत्र में रहते हैं। हम भारतीयों के लिए भाषा सिर्फ एक माध्यम नहीं है जो कि सिर्फ हमारे विचार के अदान-प्रदान के लिए काम आती है, बल्कि हमारे लिए गौरव का विषय है क्योंकि यह भाषाएँ (क्षेत्रीय भाषाएँ) हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग हैं। क्षेत्रीय भाषाएँ भारत की आजादी के बाद से अब तब अलग-अलग दौर से गुजर चुकी है। भारत के स्वतंत्र होने के पश्चात, राज्यों के अस्तित्व निर्माण एवं पुनर्गठन का आधार भाषा बनी। भारत में लगभग सभी चीजों में विविधता है फिर चाहे वो खाने में हो या विचार में, ठीक उसी त