Clouds_42

तुम समझ न सके मेरे प्यार की गेहराइ, 
          	हर लफ्ज़ मेरे दिल की सच्चाई, 
          	फिर भी शक की अंधी मे, 
          	डूब गयी मेरे जज़्बात की परछाई। 
          	
          	सवाल करते हो मेरे प्यार पे क्यु? 
          	जब हर सांस तुम्हारे नाम की गवाही, 
          	मैंने लिखी है हर खाव्हिश तुमसे, 
          	फिर भी क्यु इतनी ह तन्हाई। 

Clouds_42

तुम समझ न सके मेरे प्यार की गेहराइ, 
          हर लफ्ज़ मेरे दिल की सच्चाई, 
          फिर भी शक की अंधी मे, 
          डूब गयी मेरे जज़्बात की परछाई। 
          
          सवाल करते हो मेरे प्यार पे क्यु? 
          जब हर सांस तुम्हारे नाम की गवाही, 
          मैंने लिखी है हर खाव्हिश तुमसे, 
          फिर भी क्यु इतनी ह तन्हाई।