मेरे विचार में हर मनुष्य पाप का भागीदार है। जब तक उसका जीवन चलता है। तब तक वह पाप करता रहता है।
कुछ लोग हैं जिनके पास खाना नही है, मगर कुछ वैसे लोग है जो खाना होने के बावजूद अपने आपको भाग्यशाली नही समझते। एक ऐसा संसार जहां मनुष्य के आने की संभावना 400 ट्रिलियन में से एक हैं, क्या इसे हम भाग्य नही कहते?
यह सारी बातें मेरे मन के उस कोने में बसी थी जो मुझे सिर्फ मुझे सशक्त बनाती थी। मगर जिंदगी थमती नही, हर एक दिन एक नया सूरज पश्चिम में डूबता है।
निजी एयरलाइंस के साथ काम करने पर भी मेरे मन में यह ख्वाइश थी की मेरी फूल सी सौंदर्य वाली जीवन साथी भी किसी ऐसी जगह अपनी नौकरी पक्की कर ले जहां वह खुशी से अपना काम करे।
सुख से भरे हुए रिश्ते से बेहतर कुछ भी नही हो सकता। जिसमे हमारा इकलौता दुलारा बेटा अपने मासूम सवालों से हमारे चेहरे पर सदा मुस्कुराहट ले आता है।