इससे भाभी तड़प उठी और कहने लगी- आपका लंड बहुत मोटा है … यह मेरे अन्दर नहीं जा सकता.
फिर मैंने कहा- मेरी रानी, तेरी चूत की चुदाई कब से नहीं हुई?
तो भाभी कहने लगी- इसकी चुदाई तो कभी नहीं हुई है, बस जब उसके मन में आया तो वो मुझे पकड़ कर मेरी चूत के ऊपर ऊपर से ही दो चार झटके लगा देता है … और मुझे आग में डाल कर छोड़ देता है.
बातों ही बातों में मैंने एक धक्का लगा दिया जिससे मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
भाभी तड़पने लगी और मुझे धक्का देकर नीचे उतरने लगी.
इस पर मैंने कहा- यह सब काम तेरा पति कर देता तो आज तुझे परेशान नहीं होना पड़ता.
वो बोली- मुझे दर्द हो रहा है. तुम डॉक्टर हो, कुछ ऐसा करो कि मुझे दर्द न हो.
मुझे कुछ याद आ गया और मैंने रुई में लेकर सुन्न करने वाली दवा उसकी चुत पर मल दी.
वो सिर्फ देखने लगी.
मुझे मालूम था कि इसका मन बहलाने के लिए ऐसा करना जरूरी है वर्ना ये चूत नहीं चुदवाएगी.
फिर मैं हल्के हल्के लंड को चूत में घुसाने लगा.
उसे दर्द होने लगा तो वो बोली- कैसी दवा लगाई है कुछ असर ही नहीं हुआ है. मुझे दर्द अभी भी हो रहा है.
मैंने कहा- कुछ देर में सब ठीक हो जाएगा.
मैं लंड चुत में चलाता रहा.
कुछ ही देर में उसका दर्द मजा में बदल गया और अब वो अपनी कमर उठा उठा कर चुदाई का मजा ले रही थी.
मेरा पहली बार था इसलिए मेरा माल कुछ ही मिनट में ही निकलने को हो गया.
मगर भाभी का ही इतनी देर में एक बार हो गया था और वो झड़ चुकी थी.
जब मैं झड़ने को आया तो मैंने भाभी से पूछा- कहां निकालूं?
तो भाभी ने कहा कि मैं आपको अन्दर तक महसूस करना चाह रही हूँ और मैं आपके बच्चे की ही मां बनूंगी.
इस पर मैं और जोश में आ गया और मेरी स्पीड तेज हो गयी.
मैंने भाभी की चूत अपने रस से भर दी और मैं भाभी के ऊपर ही लेट गया.
पांच मिनट बाद मैं उसके ऊपर से उतरा तो देखा कि मेरा लंड उसके खून में सन चुका था.
फिर मैंने उसकी चूत देखी, तो चूत से खून व वीर्य बाहर निकल कर उसकी जांघों को भिगो रहा था.
भाभी मुस्करा रही थी.
मैंने रुई से भाभी की चुत को साफ़ किया और अपने लंड को भी साफ़ किया.
भाभी अपने कपड़े पहन कर जाने लगी.
मैंने उससे कहा- अब कब आओगी?
भाभी बोली- कल इस समय फिर आऊंगी.
फिर हमारा रोज का भाभी संग देसी गाँव की चुदाई का सिलसिला चल पड़ा.
एक महीने बाद भाभी दिन में ही अपने पति के साथ क्लीनिक पर आ गयी और घूंघट की आड़ से मुस्कराने लगी.
तभी उसके पति ने कहा- इसको उल्टी आ रही है.
मैंने कहा- कब से?
उसने बताया- पिछले तीन चार दिन से.
मैंने उसके पति को प्रेगनेंसी चैक करने वाली किट दी और कहा- चैक करके आओ.
भाभी तुरन्त उठी और बाथरूम में जाकर चैक करके आने ही वाली थी कि अचानक उसके परिवार में चाचा के गिर जाने से चोट लग गयी.
तो उसका पति उनको देखने के लिए भाग कर चला गया.